वन विभाग के कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं: लाल चंद कटारूचक्क

Safety of Forest Department employees

Safety of Forest Department employees

वन एवं वन्य जीव सुरक्षा मंत्री द्वारा पंजाब नॉन-गज़टिड फॉरेस्ट ऑफिसर्ज यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग की अध्यक्षता 

चंडीगढ़, 25 जनवरी: Safety of Forest Department employees: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार कर्मचारी वर्ग के हितों की रक्षा(protect the interests of the working class) के लिए पूर्ण तौर पर वचनबद्ध है। इसी सिलसिले के अंतर्गत सरकार द्वारा वन विभाग(Forest Department) में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।  

यह विचार पंजाब के वन एवं वन्य जीव सुरक्षा मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक्क द्वारा आज सैक्टर-68 के फोरेस्ट कॉम्पलैक्स पंजाब(Forest Complex Punjab) नॉन-गज़टिड फॉरेस्ट ऑफिसर्ज यूनियन(Non-Gazetted Forest Officers Union) के प्रतिनिधियों के साथ एक मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए प्रकट किए गए।  

इस मीटिंग के दौरान कर्मचारियों ख़ासकर फॉरेस्ट गार्ड्ज़ की सुरक्षा के मुद्दे को पूर्ण गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि रेंज स्तर पर रात के समय टुकडिय़ों में गश्त करने को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जो कोई भी असामाजिक तत्व जंगलात की सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाता है, उसके साथ सख़्ती से निपटा जाए।  

विभाग के फील्ड कर्मचारियों को वर्दियाँ डालकर ड्यूटी करने पर ज़ोर देते हुए श्री कटारूचक्क ने कहा कि इससे उनको अलग पहचान तो मिलेगी ही बल्कि सुरक्षा पक्ष से भी यह कदम लाभदायक सिद्ध होगा। इस मौके पर उन्होंने असामाजिक तत्वों के हमलों के शिकार हुए कर्मचारियों की हौसला-अफजायी के लिए अवॉर्ड शुरू करने और पदक प्रदान करने के प्रस्ताव पर भी विभागीय अधिकारियों को विचार करने के लिए कहा।  

इस मौके पर श्री कटारूचक्क ने कर्मचारियों द्वारा की गई माँगों जैसे कि वन गार्ड के पद का नाम बदलकर फॉरेस्ट बीट अफ़सर या बीट इंचार्ज रखे जाएँ, अलग तबादला नीति अमल में लाने, कनवेऐंस भत्ता देने, कर्मचारियों की तरक्कियों की रफ़्तार में तेज़ी लाने और फॉरेस्ट रेंजरों के 74 पदों को जल्द भरने आदि सम्बन्धी पूरी हमदर्दी से गौर करने का आश्वासन दिया।  
इस मौके पर प्रमुख मुख्य वनपाल आर. के. मिश्रा और अतिरिक्त प्रमुख मुख्य वनपाल (प्रशासन) धर्मेंद्र शर्मा भी मौजूद थे।

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